पैरानोर्मल और सुपरनैचुरल ये दोनों शब्द आपने कभी न कभी जरूर सुने होंगे, या फिर नही सुने तो किसी दिन अवश्य ही सुन लेंगे, कभी-कभी लोग इन दोनों शब्दों को एक ही तरह के घटना के लिए प्रयुक्त किये जाने वाले शब्द के रूप में लेते हैं, लेकिन वास्तव में ये दोनों शब्द एक नही है।
दोनों के अलग-अलग अर्थ होते है। इस लेख में आप जानेंगे की ये दोनों शब्द और इनसे जुड़ी घटनायें कैसे एक-दुसरे से अलग होती हैं।
पैरानोर्मल और सुपरनैचुरल क्या है – इनमें अंतर
पैरानोर्मल क्या है ?
What is paranormal? – in Hindi
सीधे शब्दों में कहूँ तो पैरानोर्मल का मतलब होता है कुछ ऐसी असाधारण घटनायें जो फ़िलहाल इंसान के समझ से परे है, विज्ञान के समझ से परे है।
लेकिन एक दिन ऐसा जरुर आयेगा जब विज्ञान इन पैरानोर्मल घटनाओं(paranormal activities) को समझ जायेगा और फिर ये घटनायें पैरानोर्मल नही रहेगी। बहुत सारी ऐसी घटनाये थी जो पहले पैरानोर्मल मानी जाती थी, लेकिन जैसे ही विज्ञान ने उन घटनाओं पर रिसर्च करके उन घटनाओं को समझा वे घटनाएँ पैरानोर्मल नहीं रही।
पुराने समय में सबलोग गर्मी या जाड़े में सोचते थे की चिड़ियों की संख्या कम क्यों हो जाती हैं, और फिर वसंत आते-आते जब कई तरह की चिड़ियाँ आ जाती तब फिर सोचते की आखिर ये सब चिड़ियाँ कहां से आ जाती है, वर्षा के मौसम में बगुला कहाँ से आ जाते है।
किसी को कुछ समझ नही आता की ये होता कैसे हैं। फिर हमें पता चला की किसी जगह पर रहने लायक अनुकूल परिस्थिति नही रहने के कारण चिड़ियाएँ माइग्रेशन करती है और एक जगह से दुसरे जगह चली जाती है।
एक और उदाहरण है की जब वर्षा के समय आसमान से बर्फ गिरते तो लोग समझ नही पाते की आखिर आसमान में ये पत्थर कहाँ से आ जाते है, लेकिन फिर हमें बादलों के बनने और वर्षा के समय बर्फ गिरने के कारणों का पता चल गया। आसमान से मछलियों का गिरना भी इन घटनाओं में शामिल थी।
कुछ घटनाएँ ऐसी भी है जो आज भी विज्ञान के समझ से परे है लेकिन हम एक न एक दिन उसके बारे में जरुर जान लेंगे, और फिर वो Paranormal घटनायें Normal बन जयेगी।
जैसे की – क्या सच में भूत होते है, आसमान में जो कभी-कभी UFO या उड़न तश्तरी दिखायी पड़ती हैं वो कहाँ से आती है, टेलीपैथी कैसे कार्य करती है? क्या हम टाइम ट्रैवेल कर सकते है? यहाँ एक बहुत ही Interesting topic आया की क्या भूत होते है?
ये एक ऐसा belief है जिसे किसी ने proof नही किया और ये paranormal activities में सबसे ऊपर आती है। बहुत लोगों का मानना हैं की भूत, आत्मा, शैतान, चुड़ैल ऐसा कुछ नही होता जबकि बहुत लोगों का मानना हैं की ये होते है। और दोनों ही तरफ के लोग अपनी बातों को प्रूफ नही कर पाते। मुझे इस समय गौरव तिवारी याद आ रहे है, वो एक paranormal investigator थे। उन्होंने Indian Paranormal Society बनायीं थी।
सुपरनैचुरल क्या है ?
What is supernatural? – in Hindi
सुपरनैचुरल, पैरानोर्मल से बिल्कुल अलग हैं। Supernatural मतलब कुछ ऐसा जो हमारे और विज्ञान के समझ से ही परे नही है, बल्कि ये Supernatural activities हमारे दिमाग और सोच के बाहर की बातें है।
हम इसे कभी नही समझ पायेंगे। ऐसा कुछ नही है जो या तो इसे गलत साबित करे या फिर सही साबित करे। ये घटनायें विज्ञान और प्रकृति के नियमों के बाहर है।
ये घटनायें हमारे विश्वास, अंधविश्वास धर्म, इत्यादि से जुड़ी होती है। जैसे की – भगवान, कभी-कभी होनेवाली ऐसी घटनायें जिसे लोग चमत्कार कहते हैं या फिर समय इत्यादि।
क्या आप जानते हैं की समय क्या हैं? ये क्यों है? समय तीन भागों – भूत, वर्तमान, भविष्य में ही क्यों है? इसका चौथा क्यों नही है? एक निश्चित समय – 24 घंटे में ही दिन-रात क्यों होता है? कभी-कभी 25 घंटे या 23 घंटे में भी हो सकता था। क्या आप इसे समझ पायेंगे?
अब आपको पैरानोर्मल और सुपरनैचुरल एक्टिविटी मे क्या अंतर है? पैरानोर्मल और सुपरनैचुरल क्या है, इस सवाल का जवाब मिल गया होगा।