अश्रु अथवा आंसू गैस को हम Tear gas या Lachrymator भी कह सकते हैं।
इसका उपयोग अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से किया जाता हैं। ज्यादातर इस गैस का उपयोग पुलिस द्वारा किया जाता हैं। उन्मादी भीड़(riot) को भंग करने में आंसू गैस महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
आंसू गैस (अश्रु गैस) की जानकारी
आंसू गैस के गोले दागने के तुरंत बाद ही यह गैस धुआं की तरह हवा में फैल जाता है तथा भीड़ में उपस्थित व्यक्तियों के आँखों में भारी जलन होने लगती है जिसके फलस्वरूप आँखों से आंसू निकलने लगती हैं।
जलन होने तथा धुआँ के कारण लोगों को आँख से कुछ दिखायी नही देता जिसके कारण या तो उन्हें वहां से भागना पड़ता है नही तो पुलिस गिरफ्तार कर लेती हैं।
यदि आपका सामना अश्रु गैस(Lachrymator) से हो जाये तो आप क्या करेंगे। आइये पढ़ते है आंसू गैस (Tear gas in Hindi) से संबंधित जानकारी, रासायनिक नाम, सूत्र, उससे होने वाली हानि तथा बचने के उपाय के बारे में।
यहां ध्यान रखने वाली एक बात है कि अश्रु गैस वास्तव में गैस नही होती बल्कि पाउडर होती हैं।
आंसू गैस का रासायनिक नाम एवं सूत्र
अश्रु गैस कई प्रकार की होती हैं - Types of Tear gas in Hindi
- 1. CS(2-Chlorobenzalmalononitrile या o-Chlorobenzylidene Malononitrile) - यह सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली अश्रु गैस हैं। इसका रासायनिक सूत्र C10H5ClN2 हैं।
- 2. CN(Chloroacetophenone) - यह CS गैस से भी ज्यादा विषैला तथा तीव्र होता हैं। इसके ज्यादा प्रभाव में आने से कोई व्यक्ति अंधेपन का शिकार हो सकता हैं। इसका रासायनिक सूत्र C8H7ClO हैं।
- 3. OS(Oleum Capsicum) और PAVA - इसे हमलोग मिर्च पाउडर(Pepper spray) कह सकते हैं। यह मिर्च से बनता हैं। PAVA एक रसायन है जो काली मिर्च से तैयार होता हैं।
आंसू गैस से होने वाली हानि तथा बचाव के उपाय एवं तरीके
आंसू गैस के संपर्क में आते ही हमारे शरीर के संवेदी अंग उत्तेजित हो जाते हैं। जिसके परिणामस्वरूप आंखों तथा त्वचाओं में जलन होने लगती हैं। आँख में जलन के कारण आँसू निकलने लगते है साथ ही आपको सब कुछ धुंधला दिखने लगेगा। कभी-कभार इन गैसों के ज्यादा प्रभाव में आने से अंधापन भी हो सकता हैं।
आँसू गैस हमारे श्वसन तंत्र को भी प्रभावित करते है। इस हानिकारक गैस के कारण नाक तथा श्वसन नली में जलन, बार-बार छींक(sneezing) आना, उल्टी(vomiting) होना, दम-घुटने लगना तथा खांसी(coughing) होने के साथ असह्य पीड़ा होती हैं।
ऐसा कह सकते है कि कोई भी व्यक्ति इस गैस के संपर्क में आने से कुछ देर के लिए अशक्त या असहाय हो सकता हैं। गर्भवती महिलाओं को इस गैस के संपर्क में कभी नही आना चाहिए।
टियर गैस से बचाव के कुछ उपाय निम्नलिखित हैं।
- आँसू गैस किसी व्यक्ति पर सीधे नही छोड़ना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो उस व्यक्ति की दम घुटने से मृत्यु हो सकती हैं। सुरक्षा बलों द्वारा अश्रू गैस छोड़ने की संभावना हो तो आप दूरी बनाकर रखें।
- आंसू गैस के ज्यादा प्रभाव में आने से आँखों की रोशनी भी जा सकती है इसलिए जबतक हवा में गैस अथवा पाउडर मौजूद रहे आँख न खोलना ही उचित होगा।
- आँसू गैस जिस दिशा से आ रही हो उसके विपरीत दिशा में जल्दी से चले जायें अथवा उस दिशा से दूर हो जायें।
- इस गैस से बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि आप किसी ऊँचे स्थान पर चले जायें। क्योंकि आंसू गैस भारी होने के कारण हवा में नीचे ही रहता हैं।
- यदि आप किसी घर अथवा बिल्डिंग में है तो जल्दी से बाहर निकल आये तथा किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचे।
- अपने नाक तथा मुँह को मोटा रूमाल अथवा कपड़े से ढँक ले। यहां याद रखें की रूमाल अथवा कपड़ा भींगा होना चाहिए नही तो कोई लाभ नहीं होगा।
- यदि आप चश्मे का उपयोग करते है तो उसे तुरंत उतार दें। आप उस चश्मे का उपयोग कर सकते है जो पूरी तरह से आपके आँखों के आसपास कसा हुआ हो अथवा जिससे बाहरी हवा आँख तक नही पहुंचे पायें। उदाहरण के लिए तैराकों का चश्मा।
- ये पढ़कर आपको विश्वास नही होगा कि प्याज का उपयोग आप अश्रु गैस के काट के रूप में कर सकते हैं। लोहे-लोहे को काटता है के सिद्धांत पर यदि आप टीयर गैस से पीड़ित है तो प्याज को आधा-आधा काटकर अपने दोनों आँखों पर रख लेने से आँखों में उत्तेजना तथा जलन कम हो जाती हैं।
- इस दौरान अपने आँखों को रगड़े नही बल्कि लवणयुक्त पानी से आँखों तथा त्वचा को धोयें यदि आप OC अथवा मिर्च पाउडर से ग्रसित है तो पानी का उपयोग भूलकर भी न करें। क्योंकि ये सब सूखे होते है लेकिन पानी के संपर्क में आते ही ये हमारे रोमकूपों में प्रवेश कर जाते हैं। जिससे जलन बढ़ जाती हैं।
- पानी से त्वचा को धोते समय एक बात याद रखें कि गैस में उपस्थित कुछ रसायन पानी से प्रतिक्रिया कर सकते है जिसके कारण आपको और परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं। आप त्वचा के लिए नींबू के रस अथवा अल्कोहल तथा आँखों के लिए लवणयु्क्त जल का प्रयोग कर सकते हैं। किसी भी तेल, लोसन तथा डिटर्जेंट के उपयोग से कुछ दिन तक दूर रहें।