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रोचक बातें: राष्ट्रगान से संबंधित 10 महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य

राष्ट्रगान "जन गण मन", को प्रतिदिन सावधान की मुद्रा में खड़े होकर विद्यार्थियों द्वारा गाया जाता है तथा देश के समस्त नागरिक इसे कुछ विशेष अवसरों पर गाते रहते हैं। इस लेख में राष्ट्रगान से जुड़े कुछ ऐतिहासिक तथ्य पढिये।

लेकिन क्या आप अपने राष्ट्रगान "जन-गण-मन" के बारे में अच्छे से जानते हैं? क्या आप जानते है की गुरुदेव की "जन गण मन" कविता के पाँच पदों में से केवल उसके पहले पद को राष्ट्र-गान बनाया गया? क्या आप राष्ट्रगान से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत हैं?

यदि आपका उत्तर ना में है तो आगे पढ़िये राष्ट्रगान जन-गण-मन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य तथा उससे संबंधित रोचक बातें। Facts about national anthem - Jan Gan Man.

राष्ट्रगान से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

National anthem - जन-गण-मन तथ्य, अर्थ और इतिहास

1. गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1911 में एक कविता की रचना की थी जो पाँच पदों में थी। कविता के पहले पद को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया।

2. जन-गण-मन मूलतः बंगाली भाषा में लिखी गयी है जिसमें संस्कृत शब्दों की अधिकता हैं। इसे सिर्फ संज्ञा शब्दों के प्रयोग से लिखा गया हैं।

3. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इस गीत का अनुवाद हिन्दी तथा उर्दू में करवाया। जिसे कैप्टन आबिद अली ने अनुवाद किया था।

4. 27 दिसंबर, 1911 को कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में इस गीत को पहली बार गाया गया। बाद में 24 जनवरी 1950 को आधिकारिक तौर पर इस गाने को राष्ट्रगान के तौर पर अपना लिया गया।

5. राष्ट्रगान जन-गण-मन के पूर्ण संस्करण को गाने में 52 सेकेंड का समय लगता है जबकि इसके लघु अथवा संक्षिप्त रूप(प्रथम तथा अंतिम पंक्ति) को गाने में 20 सेकेण्ड का समय लगता हैं।

6. राष्ट्र-गान के बोल तथा धुन स्वयं रवीन्द्रनाथ टैगोर ने आन्ध्रप्रदेश के मदनापल्ली में तैयार की थी। आज भी उनके बनाये धुन को ही प्रयोग में लाया जाता हैं।

7. कानून के मुताबिक राष्ट्रगान गाने के लिए किसी को बाध्य नही किया जा सकता। राष्ट्रगान गाने अथवा बजने के दौरान अगर कोई व्यक्ति शांतिपूर्वक खड़ा रहता है तो इसे राष्ट्रगान या राष्ट्र के प्रति कोई अपमान नहीं माना जाता है।

8. राष्ट्रगान के नियमों का पालन नही करने तथा राष्ट्रगान का अपमान करने वाले व्यक्ति के खिलाफ Prevention of insults to National Honour Act, 1971 की धारा-3 के तहत कार्रवाई की जाती हैं।

9. भारत सरकार के अनुदेशों के अनुसार फिल्मों के प्रदर्शन के दौरान यदि फिल्म के किसी भाग में राष्ट्रगान बजे तो खड़ा होना या गाना आवश्यक नहीं हैं। 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमा हॉल में सिनेमा के पहले राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया था, इस आदेश को जनवरी 2018 को वापस ले लिया गया।

10. कभी-कभार इस बात का जिक्र होता है की रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इस गीत की रचना अंग्रेज जॉर्ज पंचम की प्रशंसा में लिखा था। जबकि खुद रवीन्द्रनाथ टैगोर ने एक पत्र 1939 में लिखकर इस बात को खारिज कर दिया था।

लेख: रोचक बातें: राष्ट्रगान से संबंधित 10 महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य इस वेबसाइट के Gyan Book - General Awareness in Hindi भाग के अन्तर्गत हैं। इस पृष्ठ पर इस तरह के अनेक ज्ञानवर्धक लेखों का संयोजन हैं।

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